Panchkula: नगर निगम के सदन में मुद्दों पर हुए हंगामे के बीच 242 करोड़ रुपये का बजट पास
- By Vinod --
- Tuesday, 14 Feb, 2023
Budget of Rs 242 crore passed
Budget of Rs 242 crore passed- पंचकूला (आदित्य शर्मा)। शहर के विकास के मुद्दे पर नगर निगम पर सवाल खड़े करते आ विरोधी पार्षदों के मंगलवार को हुई हाउस की बैठक में जोरदार हंगामे के बीच वर्ष 2013-24 का 242 करोड़ रुपये का बजट पास कर दिया गया। नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल के दूसरे कार्यकाल का यह बजट पिछले चार वर्षों के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। पिछले साल यह बजट 157 करोड़ रुपये था। इस बार खर्च के मुकाबले आय 25 करोड़ रुपये अधिक रहने की संभावना है। पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल ने बताया कि शहर में विकास कार्यों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। शहर की डवलपमेंट पर 103 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बैठक में निगम आयुक्त वीरेंद्र लाठर, संयुक्त आयुक्त रिचा राठी, डीएमसी दीपक सुरा, सीनियर अकाउंट ऑफिसर विकास कौशिक, एसई वीरेंद्र गिल सहित सभी वार्डों के पार्षद मौजूद रहे। महापौर की अनुमति से सीनियर अकाउंट ऑफिसर विकास कौशिक ने बजट पेश किया। उधर, निगम हाउस में दोपहर बाद तक निगम हाउस में पेश किए गए 23 प्रस्तावों पर खूब हंगामा हुआ। विपक्षी पार्षदों ने निगम के पूर्व बजट और खर्च हुए पैसों का ब्यौरा मांगा। इस हंगामे के बीच निगम प्रस्तावों को पास करने की प्रक्रिया कुछ देर के लिए रुकी रही। हालांकि, अधिकतर एजेंडे हाउस ने पास कर दिए जबकि 3 एजेंडों का पार्षदों ने पास करने से इंकार कर दिया। विस्तृत चर्चा होने के बाद प्रस्ताव पास किए गए।
डीएमसी दीपक सुरा ने बैठक में प्रस्ताव रखे, जिसे पार्षदों ने सहमति दी। डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन को सही तरीके से चलाने, शहर में सभी सेकेंडरी प्वाइंट खत्म कर एमआरएफ सेंटर बनाने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि कोई भी कूड़ा सडक़ों के किनारे न गिरे और गीले कूड़े के लिए डंपिंग वाली साइट पर ही प्लांट लगाया जाए और आरडीएफ को साथ-साथ उठाया जाए। साथ ही जो अन्य सेक्टर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन से वंचित है, वहां भी कूड़ा उठाने के लिए डोर टू डोर गाडिय़ों को चालू करवाया जाए। शहर के अंदर जो नाले हैं, उनकी ब्यूटिफिकेशन के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाए, ताकि उनको बोटिंग और टूरिज्म स्पाट बनाया जा सके। इन पर विस्तृत चर्चा के बाद पास कर दिया गया।
अमरुत के तहत गांव में सीवर डाला जा चुका है। इसके लिए घरों को सीवर के कनेक्शन के लिए जो छोटा टुकड़ा और प्लंबर लगाना है, वह नगर निगम की ओर से करवा दिया जाए, ताकि करोड़ों रुपये खर्च होने का फायदा उठाया जा सके। ठेकेदार से सारी सड़कें जो उसने सीवर डालते समय तोड़ी है, ठीक करवाई जाए। इस मुद्दे पर पार्षदों ने अपने विचार रखे और कहा कि लोगों को सीवरेज कनेक्शन लेने के लिए जागरूक किया जाए।
बस स्टॉप के पास बने छोटे कमरे में पानी/चाय और स्नैक्स के लिए 2000 रुपये मासिक जगह किराये पर दी जाए। पुराना कूडा डंपिंग ग्राउंड झूरीवाला में डोर-टू-डोर से पहले का पड़ा है इसके निस्तारण के लिए टेंडर लगाया जाए। शहर में चलने वाली रेहड़ियों में नेशले सहित अन्य कंपनियों की ओर से आइसक्रीम की 50 कार्ट 2000 रुपये मासिक दी जाए। नगर निगम की जमीनों को बीजने के लिए लीज पर दिया जाए और उसका किराया 20000 रुपये कम से कम वार्षिक लिया जाए।
वृद्धाश्रम का काम लगभग पूरा हो गया है, इसका फर्नीचर खरीदने के लिए टेंडर लगाया जाए। साथ ही चलाने के लिए एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट मांगा जाए। वर्किंग वूमन होस्टल को चलाने के लिए नई पार्टी से आवेदन मांगे जाएं। मीट मार्केट में रेहड़ियों से नगर निगम 2000 रुपये मासिक किराया सीधा ले। जिस भी घर के आसपास सीएंडडी वेस्ट पाया जाए, उस पर 5000 रुपये जुर्माना लगाया जाए। इस वेस्ट उठाने के लिए 2000 रुपये ट्राली के हिसाब से लिया जाए। मोबाइल लाइन और गैस पाइप लाइन लगाने वालों ने निगम फुटपाथ, सडक़े तोड़ दी है और उनकी रिपेयर ना होने के चलते बैंक गारंटी कैश करवा ली जाए।
गांव कोट, टोका, जलौली, सुदर्शनपुर में स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी व खेल-कूद के लिए जगह सेल/लीज पर दी जाए। सेक्टर 11 पंचकूला की साइट मल्टीलेवल पार्किंग के लिए एचएसवीपी से ले ली जाए, ताकि प्रोजेक्ट शुरू हो सके। पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम पंचकूला के एक पार्क को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बेसमेंट में पार्किंग बनाए और उसके ऊपर घास लगाई जाए, ताकि पार्क भी बन सके।
निगम में इन मुददें पर घिरे महापौर
निगम की हाउस में कुछ मुद्दे ऐसे भी थे, जिनके बारे में पिछले बजट में हुए विकास कार्यों को लेकर विरोधी पार्षदों ने निगम पर सवाल उठाए। पार्षदों ने कहा कि नगर निगम ने आशियाना में विकास कार्य क्यों नहीं कराए। उन्होंने कहा कि निगम के भवन निर्माण को लेकर बिना विकास के निगम लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स लेने का हकदार नहीं है। वहीं, पार्षदों द्वारा मीडिया को अलॉट किये टेंडर को लेकर निगम की मंशा पर सवाल उठाए। दूसरी तरफ पार्षदों ने माइनिंग रॉयल्टी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि निगम के हद में आने वाले गांवों में की गई माइनिंग से वहां का विकास अवरूद्ध हो गया है, जबकि भू-खनन विभाग द्वारा निगम को जो रॉयल्टी दी जानी थी, वह नहीं दी गई। अधिकारी उनकी बात को अनसुना कर देते हैं। पार्षदों ने निगम के एजुकेशन सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल किए। उन्होंने कहा कि निगम ने ग्रामीण इलाकों में एजुकेशन सिटी के लिए जमीन अधिकृत करने के संबंध में जो फैसला लिया इसमें पार्षदों की राय नहीं ली गई। ये प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही सवालों में घिरे रहे। पार्षदों ने कहा कि बिना ग्रामीणों की मंजूरी लिए करीब 500 पेड़ ग्रामीण इलाकों में सिर्फ माइनिंग के लिए काट दिए, जो सीधा सीधा ना सिर्फ राजस्व का नुकसान हुआ बल्कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है। पार्षदों ने कहा कि इस लापरवाही के लिए अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए और विशेष कमेटी का गठन किया जाए। इस पर महापौर श्री गोयल व आयुक्त ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए, जो निगम को निकट भविष्य में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। पार्षदों ने कहा कि अधिकारी हैं कुछ काम करवा लिए हैं कोटेशन पर काम करवा लिए नियम का कहना है कि सारे पार्षद एकजुट हैं।
निगम की बजट को लेकर ये है प्लानिंग
नगर निगम को विभिन्न आय स्रोतों में प्रॉपर्टी टैक्स से 25 करोड़ रुपये, स्टांप ड्यूटी से 35 करोड़, तहबाजारी से एक करोड़ रुपये, डेवलपमेंट चार्ज एक करोड़ रुपये रोड कट चार्ज 1 करोड़ रुपये, पार्कों की बुकिंग से डेढ़ करोड़ रुपये, विज्ञापनों से 10 करोड़ रुपये, टावर फीस से 15 करोड़ रुपये मोबाइल लाइंस से 15 करोड़ रुपये, नगर निगम की विभिन्न जमीनों को बेचने से 10 करोड़ रुपये, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से शेयर के रूप में 25 करोड़ रुपये, खड़े पेड़/सरकंडा बेचने से 1 करोड़ रुपये, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (डोर टू डोर) से एक करोड़ रुपये, पेड पार्किंग फीस से 1 करोड़ 17 लाख रुपये, एससीएफ से 60 करोड़ रुपये और सीएफसी से 15 करोड़ रुपये आने की संभावना है। इस्टैब्लिशमेंट पर 54 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होने का बजट पास किया गया। शहर में साफ सफाई के लिए सबसे अधिक बजट रखा गया है। कूड़े को घर से उठाने, लिफ्टिंग और डायरेक्शन पर 36 करोड़ 30 लाख रुपये, नगर निगम कार्यालय की नई बिल्डिंग के लिए 10 करोड़ रुपये, मीट मार्केट कंस्ट्रक्शन और रिपेयर के लिए 1 करोड़ रुपये, स्ट्रीट लाइट बिल कंटीजेंसी साढ़े चार करोड़ रुपये, नगर निगम कर्मचारियों के मकानों की रिपेयर पर 50 लाख रुपये, सामुदायिक केंद्र और धर्मशाला की कंस्ट्रक्शन और रिपेयर पर 15 करोड़ रुपये, श्मशान घाटों की डेवलपमेंट के लिए 2 करोड़ रुपये, स्ट्रीट लाइट्स के मेंटेनेंस के लिए 2 करोड़ रुपये नई मशीनरी खरीदने के लिए 3 करोड़ रुपये, शहर से दूध की डेयरियों को शिफ्ट करने के लिए एक करोड रुपये, लाइब्रेरी रिपेयर और निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये, शहर में सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉलेशन परचेज और मेंटेनेंस के लिए 1 करोड़ रुपये रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए 50 लाख खर्च का बजट पास किया गया। महापौर ने सभी पार्षदों का बजट पास करने के लिए आभार व्यक्त किया।
किस साल कितना बजट खर्च
साल 2019-20 के लिए 123 करोड़, 1920-21 का 136 करोड़, 2021-22 के लिए 157 करोड़ और 2023-24 के लिए 103 करोड़ रूपये खर्च का बजट तय किया गया है। महापौर ने कहा कि निगम के अधीन विकास कार्यों को लेकर पार्षदों से राय लेने के बाद एरिया में लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।